Wednesday 15 June 2011

मदारी कौन है


सोच लोगों  का अनूठा बन चुका है
चमकते भारत का भूसा बन चुका है

जन्म के वक़्त चार उंगलियाँ भी थीं
हाथ अब सबका  अंगूठा बन चुका है

रात को दिन और दिन को रात
बेहया वो इतना झूठा बन चुका है

जानते हैं सब मदारी कौन है
देश का आक़ा जमूडा बन चुका है     

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