Wednesday 16 September 2015

आया करोगे याद

जाएंगी तेरी यादें बस  ज़िंदगी के बाद
जब तक चलेंगी धड़कनें आया करोगे याद

अब जितना दूर कर दें जलते हुए ये दिन
आयेंगी सर्द रातें आया करोगे याद

घिर आएंगे अँधेरे टूटेगा जब बदन
तारों से होंगी बातें आया करोगे याद

लो देखो फिर चलीं हैं भीगी हुई हवाएँ
भीगेंगी फिर से पलकें आया करोगे याद

Monday 14 September 2015

और हम थे तरसते रहे दीदार के लिए

इक आईने ने देखा तुमको हज़ार बार
और  हम थे तरसते रहे दीदार के लिए

ना जाने कितनी बातें कीं  दुनियाँ  से आपने 
दो बोल प्यार के न थे बीमार के लिए

सब उड़ गए परिंदे अब आसमान में
क्यों हम भी जी रहे हैं बेकार के लिए

अक्सर दिखे हैं  आपके इनकार के तेवर
खोला भी करिये लब कभी इक़रार के लिए

Thursday 3 September 2015

नींद आ जाए वो नसीब कहाँ

नींद आ जाए वो नसीब कहाँ
रातें आ आ के जलातीं हैं सौतन की तरह

बहुत सताया है ज़िंदगी तुमने
जी करे है कि रूंठ जाएँ बचपन की तरह

दर्द जो हर घड़ी छलकता है
काश कि ये भी बरस जाता सावन की तरह

निकल गया  जो  मन के आँगन से
फिर नहीं लौटा  गुज़रे हुए जीवन की तरह