Monday 17 December 2012

म्योर के वे दिन ...(6)



म्योर के वे दिन ...(6)

सन 1972 , 8 फरवरी । छात्रावास में विद्यार्थी की तरह अंतिम वर्ष समझिये ।मेरी उम्र लगभग 23 वर्ष रही होगी ।पेलेस थेटर सुबह के लिए बुक किया गया । संगीत का एक कार्यक्रम "एम सी प्रेजेंट्स गुंजन " मेरे ही द्वारा आयोजित किया गया । वाद्य यन्त्र बजाने वाले सभी आकाश वाणी के कलाकार थे । पुरुष गायकों में श्री ज्ञानेश्वर तिवारी थे , ऐ एन झा से जुड़े हुए , पार्श्व गायक स्व. मुकेश जी के गाने बहुत अच्छे गाते थे । लड़कियों में तीन गुलवाडी बहनें  कु निर्मला गुलवाडी, कु शोभना गुलवाडी, कु शैला गुलवाडी  तथा कु श्यामली चटर्जी । सभी  बहुत सुरीली थीं । मैंने स्वयं उस कार्यक्रम का निर्देशन किया था तथा साथ में मैन्डोलिन भी बजाया था । आकाश वाणी के जाने माने कलाकार श्री गौरी शंकर जी क्लेरिनेट पर थे ।

हाल खचाखच भरा हुआ था । ग़लती यह हो गयी कि एक सज्जन ने हमें बताया कि वे पार्श्व गायिका हेम लता के कार्यक्रम का संचालन बखूबी कर चुके हैं , और हमारा दुर्भाग्य था कि हमने उन्हें बिना सुने ही संचालन का कार्य भार सौंप दिया । कार्य क्रम के प्रारम्भ में ही संचालक महोदय ने हमारे मुक़द्दर पर पानी फेरा । घोषणा की कि " कार्यक्रम प्रारभ होने वाला है , आप लोग अपने स्थानों पर बेठ जाइये "। उनका 'बैठ' को 'बेठ ' बोलना था कि हाल में 'हा हा ही ही' का शोर हो गया । मुझे पसीना आ गया । पर्दा खोला गया और मैंने डरते डरते " घर आया मेरा परदेसी " का प्रारंभिक मेंडोलिन का टुकड़ा बजाया , मेरा सौभाग्य था उसके बजते ही हाल में ज़बरदस्त ताली पिटी और हम लोगों का मनोबल बढ़ गया । उसके बाद ऐंकर महोदय को एक शब्द नहीं बोलने दिया गया । कार्यक्रम बहुत सफल रहा । तकनीक के लिहाज़ से समय से दस वर्ष आगे का कार्य क्रम था , कलाकारों पर चलते समय लगातार स्पॉट लाइट बनी रहती थी ।उल्लेखनीय गानों में " घर आया मेरा परदेसी ...", "मिलो न तुम तो हम घबराएं ....", "रैना बीती जाय .." , "पुकारो , मुझे तुम पुकारो ....", इत्यादि थे । सफलता में छात्रावास के मित्रों का बहुत सहयोग था ।

आज कल ज्ञानेश्वर तिवारी इंडियन आयल कोर्पोरेशन में डिवीजनल जनरल मेनेजर के पद पर आसीन हैं । गुलवाडी बहनें दूरदर्शन पर गातीं हैं , सबसे छोटी बहन ने अच्छे संगीत निर्देशकों के साथ भी कुछ रिकॉर्डिंग्स की हैं । ध्यान रहे कि किसी को भी संचालन का भार देने से पहले ठीक से जांच परख लीजिये , पता नहीं कौन कब आपकी नैया डुबो दे ।


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