Monday 19 November 2012

उनमें एक रूह थी शामिल

मैं बड़े शौक़ से इस दर से चला जाऊंगा
था तेरे पास मेरा दिल मुझे वापस दे दे

जो बिताए थे रो रो के तसव्वुर में तेरे
जवान उम्र के वो दिन मुझे वापस दे दे


आज डूबा हूँ तो समझा हूँ कि साग़र क्या है
मेरी क़श्ती मेरा साहिल मुझे वापस दे दे

तेरी चूनर में बंधे रहते थे जितने सामान

उनमें एक रूह थी शामिल मुझे वापस दे दे

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