Chithhi
Thursday 15 November 2012
जिंदा रहूँगा मैं
कोयला नहीं हूँ कि राख हो जाऊँगा
पैदाइशी मशाल हूँ जलता रहूँगा मैं
मैंने तेरे दिल में जगह बना ली है
बाद मरने के भी जिंदा रहूँगा मैं
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