Sunday 22 April 2012

दुआओं की तरह


चमन में खेलती इठलाती हवाओं की तरह
घरों में बेटियां आतीं हैं दुआओं की तरह

मैंने एक नाम पुकारा था कभी सावन में
मन के आँगन में बरसता है घटाओं की तरह

इलाज जिसका कोई कर सके न चारा गर
दो मीठे बोल असर करते दवाओं की तरह

प्यार के नग़में सुनाता हूँ पर्वतों को मैं
गूंजते हैं मेरे कानों में सदाओं की तरह

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