Saturday 15 September 2012

आँख का पानी

गया है सूख हम सब की आँख का पानी
फ़लक में ढूँढिये बादल कि जिसमें पानी हो
मैं थक गया हूँ ऐ रहबर फ़रेबी वादों से
सुना वो बात कि जिसमें नयी कहानी हो

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