Thursday 5 July 2012

परछाइयाँ नहीं जाती





वक़्त आ कर के चला जाता है
उसकी परछाइयाँ नहीं जाती

इतना भीगा है आंसुओं से दामन
अब तो खुशियाँ सही नहीं जातीं

प्यार खामोशियों में पलता है 
सारी बातें कही नहीं जातीं
 
लोग शोहरत तो भूल जाते हैं
पर ये रुसवाइयां नहीं जातीं

काम  आती नहीं मेरी तालीम
उन की आँखें पढी नहीं जातीं

इतने लोगों से घिरा रहता हूँ
फिर भी तनहाइयां नहीं  जातीं 

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