मुझसे मिलना है मेरी रूह से मिल
मेरे बदन में लिपटा हुआ लिबास न देख
ठीक से जान ले दरिया ये कितना गहरा है
आती जाती हुई लहरों का हिसाब न देख
रक्स करती हुई परियों की कहानी तो नहीं
ज़िंदगी एक हकीकत है कोई ख्वाब न देख
शर्म से दोहरा हुआ जाता है तेरा महबूब
भरी महफ़िल में यूँ उसे बेहिसाब न देख
मेरे बदन में लिपटा हुआ लिबास न देख
ठीक से जान ले दरिया ये कितना गहरा है
आती जाती हुई लहरों का हिसाब न देख
रक्स करती हुई परियों की कहानी तो नहीं
ज़िंदगी एक हकीकत है कोई ख्वाब न देख
शर्म से दोहरा हुआ जाता है तेरा महबूब
भरी महफ़िल में यूँ उसे बेहिसाब न देख
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