कहाँ कैसे और किससे प्यार होता है
जब भी होता है बे इख्तियार होता है
उंचा सर रख के भी जी सकते हो
सारा बज़ार होता है
जो तैरना आये तो कुछ नहीं हासिल
हौसला होता है तो दरिया पार होता है
बरसों हुए मैं भूल चुका हूँ
जब भी होता है बे इख्तियार होता है
उंचा सर रख के भी जी सकते हो
सारा बज़ार होता है
जो तैरना आये तो कुछ नहीं हासिल
हौसला होता है तो दरिया पार होता है
बरसों हुए मैं भूल चुका हूँ
तेरे दीवानों में मेरा शुमार होता है
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