तेरा चेहरा है जामे मय की तरह
कभी हम पर भी छलक जाया करो
बहुत अँधेरा है मेरे आँगन में
हो चांदनी तो चले आया करो
हमें मंज़ूर है रो लेना तेरे शानों पे
दूर रह कर न यूँ रुलाया करो
अब निकलना है तेरी महफ़िल से
वक़्ते रुख़सत न आज़माया करो
तेरा चेहरा है जामे मय की तरह
कभी हम पर भी छलक जाया करो
बहुत अँधेरा है मेरे आँगन में
हो चांदनी तो चले आया करो
हमें मंज़ूर है रो लेना तेरे शानों पे
दूर रह कर न यूँ रुलाया करो
अब निकलना है तेरी महफ़िल से
वक़्ते रुख़सत न आज़माया करो
उदासियों से जो घिर जाए दिल
हम दीवानों की गली आया करो
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