तुम ठोंकते रहे मेरे ताबूत में कीलें
मैंने दिखाया आइना तो हो गया गुनाह
कितनी दलीलें देगा एक मजबूर मेमना
उसको तो एक दिन होना ही है तबाह
ये भेड़ियों की नस्ल पनपती ही रहेगी
उनके नुकीले दांत हैं इस बात के गवाह
ये जंगे सियासत के खूंख्वार खिलाड़ी
फिर से करेंगे वार अपनी बदल के राह
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