दिल की देहलीज़ तक अब आ गया है ग़म
मेरा मेहमान है अन्दर तो बिठाना होगा
कुछ लोग ढूँढ़ते हैं मेरे दफ़्न की जगह
अभी जिंदा हूँ उन्हें जा के बताना होगा
कुछ लोग ढूँढ़ते हैं मेरे दफ़्न की जगह
अभी जिंदा हूँ उन्हें जा के बताना होगा
कोई भी नहीं होती अब मेरी दुआ क़ुबूल
एक नया और ख़ुदा ढूंढ़ के लाना होगा
तुम जो कहते हो तुम्हे भूल जाएँ हम
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