असल जो लूट थी वो बंट गयी है यारों में
बची झूठन को अब बांटेंगे वो क़तारों में
मेरे चेहरे में जो ढूंढे हैं तूने चंद दाग़
तेरी फ़ितरत में वो होंगे कई हज़ारों में
बची झूठन को अब बांटेंगे वो क़तारों में
मेरे चेहरे में जो ढूंढे हैं तूने चंद दाग़
तेरी फ़ितरत में वो होंगे कई हज़ारों में
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