Chithhi
Tuesday, 11 December 2012
शोर होता है
न रो ऐ आँख ,सो गया है दिल
अश्क़ गिरते हैं शोर होता है
वो तेरा गाँव में भीगा आँचल
मेरा दामन यहाँ भिगोता है
जो भी आया ज़रूर जाएगा
ज़माना रोये तो क्या होता है
उम्र भर उलझनें जगाती हैं उसे
थक के फिर लम्बी नींद सोता है
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