मेरे आने की कोशिश तू , मेरे जीने की ख्वाहिश तू
मेरे जाने का बाइस तू , तो फिर ऐसा भी डर क्यूँ हो
कहीं ज़ाहिर कहीं पिनहाँ गुनाहों की किताबें हैं
अगर बिजली को गिरना है , तो वो मेरा ही घर क्यूँ हो
किसी से भी न कहना तुम मेरा किस्सा ऐ बरबादी
वो अंजामे मोहब्बत आज रुसवा दर ब दर क्यूँ हो
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