कभी तुम थे अभी मैं हूँ कोई कल और यहाँ होगा
समय एक आईना है जिसमें तस्वीरें बदलती हैं
ज़रा सी पी के दीवाने क्यूँ तू इतना बहकता है
सितारे थोडा सा बहकें तो तक़दीरें बदलती है
सफ़र में ज़िंदगी के गर जो कितना भी अँधेरा हो
तेरे कामों की परछाईं हमेशा साथ चलती हैं
तुझे क्यूँ खौफ है इतना क़फ़स के सख्त पहरों से
ज़माना करवटें बदले तो ज़ंजीरें पिघलती हैं
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