एक काफिला चला है समंदर में डूबने
ग़ौर से देख लो उसमें कोई अपना न हो
गले लिपट के रो लेना इस बार सभी से
शायद तुम्हारा इस तरफ आना न हो
तमन्ना मौत की जेबों में रहे अच्छा है
खिडकीयां खोलना अगर बचना न हो
मैंने देखा है दरख्तों पे लटकी हैं रोटियाँ
मैं चाहता हूँ ये सच हो कोई सपना न हो
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