किसे दोस्त अपना समझे करे एतबार किसका
अब अपने ही हमशक्ल से इंसान डर गया है
जिस शख्स के मकॉ को आये हो लूटने तुम
वो भूख से तड़प कर कल रात मर गया है
गुमनाम रास्तों पे बस मौत ही है हासिल
ज़िंदा बचा है वो जो सीधी डगर गया है
कुछ देर खेल कर के आवारा हवाओं से
हर पंछी लौट वापस अपने ही घर गया है
एक रास्ता बना ले और बहने दे दरिया को
तेरे शहर का पानी एकदम ठहर गया है
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