अपना क़द ऊँचा कर , ये ज़मीं घूमती दिखेगी तुझे
नज़र हसीन बना , सारी दुनियां हसीं लगेगी तुझे
दहशत का नया चेहरा ले के आयी है ये काली रात
तू लड़ अंधेरों से , एक दिन रौशनी मिलेगी तुझे
बड़े ज़ालिम हैं ,तेरे साथ में चलते वहशी साये
न देख मुड़ के , तेरी परछाईं लूट लेगी तुझे
No comments:
Post a Comment