है आज भी दिल में तेरी रुसवाइयों का डर
कलम रुक रही है तेरा नाम लिखते लिखते
पूजा है मैंने उम्र भर कुछ तुझको इस क़दर
नज़र झुक रही है तेरा नाम लिखते लिखते
बिकता रहा सामान सब और मैं था बेखबर
एक बाकी बच गया है ईमान बिकते बिकते
बड़ी दूर तक जमाये रहा उस पे मैं नज़र
गुम हो गया अचानक वो शख्स दिखते दिखते
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