Chithhi
Sunday, 14 October 2012
दिल है एक आईना
सोच कर तोडना दिल है एक आईना
आईने टूट कर फिर से जुड़ते नहीं
गर न हो हौसला मत बढ़ाना क़दम
प्यार के रास्ते पीछे मुड़ते नहीं
जिनको लगता है पागल हवाओं से डर
आंधियों में परिंदे वो उड़ते नहीं
जिनके रिश्तों की बुनियादें मजबूत्त हैं
वो शहर छोड़ने से बिछुड़ते नहीं
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