चमन में खेलती इठलाती हवाओं की तरह
घरों में बेटियां आतीं हैं दुआओं की तरह
मैंने एक नाम पुकारा था कभी सावन में
मन के आँगन में बरसता है घटाओं की तरह
इलाज जिसका कोई कर सके न चारा गर
दो मीठे बोल असर करते दवाओं की तरह
प्यार के नग़में सुनाता हूँ पर्वतों को मैं
गूंजते हैं मेरे कानों में सदाओं की तरह
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