आधी रात में पत्ते गिरें तो ग़म न करना
लोग जग जाएंगे मातम न करना
कि जब तक प्यार ज़िंदा है ये दुनिया है
ग़रीबों से मोहब्बत कम न करना
बस आंसू ही आंसू हैं जिधर देखोगे तुम
आँखें महबूब की पुरनम न करना
जो गर मेरे तसव्वुर से जिगर तडपे तेरा
याद मुझको मेरे हमदम न करना
लोग जग जाएंगे मातम न करना
कि जब तक प्यार ज़िंदा है ये दुनिया है
ग़रीबों से मोहब्बत कम न करना
बस आंसू ही आंसू हैं जिधर देखोगे तुम
आँखें महबूब की पुरनम न करना
जो गर मेरे तसव्वुर से जिगर तडपे तेरा
याद मुझको मेरे हमदम न करना
No comments:
Post a Comment