मैं एक शजर हूँ तेरे चमन का
और ये भी सच है हरा नहीं हूँ
थका हूँ लड़ लड़ कर आँधियों से
खड़ा हूँ अब भी गिरा नहीं हूँ
समझ रहें हैं ज़माने वाले
मैं उतना भी बुरा नहीं हूँ
न कोसना तुम मेरी बेखुदी को
आँख लगी है मरा नहीं हूँ
और ये भी सच है हरा नहीं हूँ
थका हूँ लड़ लड़ कर आँधियों से
खड़ा हूँ अब भी गिरा नहीं हूँ
समझ रहें हैं ज़माने वाले
मैं उतना भी बुरा नहीं हूँ
न कोसना तुम मेरी बेखुदी को
आँख लगी है मरा नहीं हूँ
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