दीवार में बिछी है बारूद सियासत की
जलाई आग तो उड़ जाओगे
थाम कर रखना मोहब्बत का दामन
उसको छोड़ोगे बिछड़ जाओगे
सियाही इतनी जमी है तुम्हारे चेहरे पे
देखोगे शर्म से गड़ जाओगे
थोडा तो जान लो अफवाहों का सच
यूँ ही हर बात पे लड़ जाओगे ?
जलाई आग तो उड़ जाओगे
थाम कर रखना मोहब्बत का दामन
उसको छोड़ोगे बिछड़ जाओगे
सियाही इतनी जमी है तुम्हारे चेहरे पे
देखोगे शर्म से गड़ जाओगे
थोडा तो जान लो अफवाहों का सच
यूँ ही हर बात पे लड़ जाओगे ?
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