बारहा यूँ न आ तसव्वुर में
प्यार हो जाएगा डर लगता है
सुबह की धूप जैसा चेहरा तेरा
ये सच नहीं है मगर लगता है
इश्क़ के ज़ख्म तो भर जाते है
दर्द क्यूँ सारी उमर लगता है
लोग रोते हैं यहां शामो सहर
फिर भी खामोश शहर लगता है
प्यार हो जाएगा डर लगता है
सुबह की धूप जैसा चेहरा तेरा
ये सच नहीं है मगर लगता है
इश्क़ के ज़ख्म तो भर जाते है
दर्द क्यूँ सारी उमर लगता है
लोग रोते हैं यहां शामो सहर
फिर भी खामोश शहर लगता है
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