एक आशियाँ था यहाँ
कहाँ गया चलो आँधियों से पूछते हैं
एक घोंसला था चिड़िया का
किसने तोडा चलो पंछियों से पूछते हैं
बिना बताये उनका चुप रहना
कोई इतना तो बताये वो क्यूँ रूठते हैं
हवा चले या कि खामोश रहे
पत्तों को टूटना होता है सो रोज़ टूटते हैं
कहाँ गया चलो आँधियों से पूछते हैं
एक घोंसला था चिड़िया का
किसने तोडा चलो पंछियों से पूछते हैं
बिना बताये उनका चुप रहना
कोई इतना तो बताये वो क्यूँ रूठते हैं
हवा चले या कि खामोश रहे
पत्तों को टूटना होता है सो रोज़ टूटते हैं
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